आज में अपनी गर्लफ्रेंड नाजनीन के बारे में बताऊंगा .नाजनीन की कद काठी 5 फुट 4 इंच की थी और उसका 32 इंच के चूचे 26 इंच की कमर और ठोस नितंब 36 इंच के उठे हुए थे। नाजनीन दिखने में सामान्य थी.. पर उसमे जो बात ख़ास थी..वह ऊर्जावती और रचनात्मक व्यक्तित्व की स्वामिनी थी।मेरा अधिकतर वक़्त नाजनीन के साथ बीतता था और मेरे मन में आकर्षण भी नाजनीन के लिए था.उसका हर अंदाज़ मेरे लिए नया था और हर अदा दिलकश थी। वो भी मुझे पसंद करने लगी थी
और हम दोनों एक-दूसरे के साथ ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त बिताने की कोशिश करने लगे थे।.अपनी उम्मीदें.. सपने.. सब कुछ एक-दूसरे से साझा करने लगे थे।
अब तक मुझे हेदराबाद में 6 महीने से ज़्यादा वक़्त होने वाला था। पढ़ने के वक़्त मेरा पूरा वक़्त नाजनीन के साथ बीतता था।चाचाजी के यहाँ रहने के कारण नाजनीन से अकेले मिलने का मौका कम था.. इसलिए मैं अपने लिए एक कमरा तलाश करने लगा।इसी बीच मेरे बॉस को कंपनी के एक प्रॉजेक्ट के लिए 2महीने तक दिल्ली जाने का मौका मिला। वो अपनी पत्नी के साथ दिल्ली जाना चाहता था.पर किसी को अपना अपार्टमेंट किराए पर देने में डर रहा था।इसलिए उसने मुझे अपने अपार्टमेंट का केयर-टेकर बनकर वहाँ रहने को कहा.. तो मैं तुरंत तैयार हो गया।एक महीने बाद मेरे पास एक अच्छा अपार्टमेंट था और अब मैं नाजनीन के साथ वक़्त गुजारना चाहता था। इसलिए मैंने नाजनीन से अगले शनिवार को अपने साथ वक़्त गुजारने के लिए कहा.. तो नाजनीन तुरन्त मान गई।शाम को ड्यूटी से फ्री होने के बाद मैंने कंपनी की कार ले ली और नाजनीन को पिक-अप करके डिनर के लिए ले गया। डिनर के वक़्त वो सिर्फ मुझे देख कर मुस्कुराती रही और मैं उस रात इतना उत्साहित हो रहा था कि मेरा अपने ऊपर काबू नहीं था।तभी मुझे अपनी टाँगों के बीच उसके पैरों का स्पर्श महसूस हुआ.. वो अपने पंजों से मेरे पैर सहला रही थी। एक हाथ से खाते हुए दूसरे हाथ से मेरे हाथों को पकड़े हुई शायद उसकी यही अदाएँ थीं.. जो मुझे उसका दीवाना बनाती जा रही थीं।खैर.. मैंने भी उसको उसी की तरह से रगड़ना शुरू किया और उसका हाथ सहलाते हुए अपने दाएं पैर के अंगूठे से उसके पैरों को ऊपर से नीचे तक सहलाना शुरू किया। फिर नाजनीन ने कहा आज तो पूरी रात हमारे पास है चलो अब डिनर कर लें।मैं भी मान गया। डिनर करने के बाद हम अपार्टमेंट में गए। जैसे ही हम अन्दर घुसे.. नाजनीन ने मुझे पकड़ कर मेरे होंठों को जो चुम्बन किया तो एक बार तो लगा कि ये कुछ ज्यादा ही उतेजक है मैंने भी उसके चुम्बन का जबाब उसी जोश से दिया और ना जाने हम एक-दूसरे को कितनी देर तक चूमते रहे।हम चुमते चुमते ही मुख्य शयनकक्ष में हम दोनों बिस्तर पर बैठ गए और एक-दूसरे को फिर से चुम्बन करने लगे।चुम्बन करते हुए ही नाजनीन ने मेरी शर्ट उतार दी और इसी के साथ मैं उसकी टी शर्ट को उतार कर हटा दिया। मैं उसके ब्रा के ऊपर ही उरोजों को एक-एक करके चूसने लगा और वो मेरी हरकत को देखकर और उत्तेजित हो रही थी। अब मैंने उसकी ब्रा उतारकर अलग दी और उसके उरोजों से होते हुए उसकी गहरी नाभि को चूमने लगा।फिर धीरे धीरे मैंने उसकी जींस को उतारने लगा.और उसके होंठों को चूसते हुए एक हाथ से उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा।अब तक नाजनीन काफी उत्तेजित हो चुकी थी और वह मेरा लंड हाथ में पकड़कर सहलाने लगी.और वह मेरे लंड को बड़े प्यार से चूस रही थी.. वो मेरे लौड़े पर अपनी जीभ को नीचे से ऊपर लाते हुए चाटती और कभी उसे पूरा ही जड़ तक अन्दर ले रही थी.थोड़ी देर बाद मैंने उसे रोक दिया और अब उसे बिस्तर पर लिटा कर उसके बदन के हर हिस्से को चूमा।अब तक नाजनीन पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और में उसकी आँखों में आँखें डालते हुए लंड को चूत से रगड़ने लगा वो लंड का अहसास पाते ही जोर-ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी और उसकी चूत से पानी आना शुरू हो गया फिर मैंने मौका देखकर एक तगड़ा झटका दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया। और अपने लंड को उसकी कमसीन चूत की गहराई में उतारकर धक्के पर धक्के लगाने लगा.वो धीरे-धीरे सिसकारियाँ ले रही थी और थोड़ी देर में यही सिसकारियाँ ‘आहों’ में बदलने लगीं।उसकी ये मदभरी ‘आहें’ मुझे और उत्तेजित कर रही थीं। ‘आहों’ से पूरा कमरा गरम हो गया था और मेरा भी जोश बढ़ता जा रहा था। मेरी चोदने की रफ़्तार बहुत तेज हो गई थी और वह भी लिपटकर मेरा उत्साह दोगुना कर रही थी। करीब 15 से 20 मिनट की चुदाई के बाद अचानक वह ज़ोर-ज़ोर से अपने चूतड़ों को मटकाते हुए झड़ गई।अब मैंने अपनी रफ्तार और तेज कर दी और कुछ देर बाद ही मेरे लण्ड ने फुंफ़कार मारते हुए उसकी चूत मे वीर्य की पिचकारी मार दी। जैसे ही मेरे लण्ड ने अपनी पिचकारी मारनी शुरू किया उसकी चूत में एक खिंचाव सा महसूस हुआ और मैं झड़ते चला गया।करीब 10-12 मिनट की मस्त चुदाई के बाद हम दोनों झड़ चुके थे। फिर चुदाई के बाद हम दोनों बिस्तर पर पड़े एक-दूसरे की आँखों में आँखें डाले वक़्त बिता रहे थे।
और हम दोनों एक-दूसरे के साथ ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त बिताने की कोशिश करने लगे थे।.अपनी उम्मीदें.. सपने.. सब कुछ एक-दूसरे से साझा करने लगे थे।
अब तक मुझे हेदराबाद में 6 महीने से ज़्यादा वक़्त होने वाला था। पढ़ने के वक़्त मेरा पूरा वक़्त नाजनीन के साथ बीतता था।चाचाजी के यहाँ रहने के कारण नाजनीन से अकेले मिलने का मौका कम था.. इसलिए मैं अपने लिए एक कमरा तलाश करने लगा।इसी बीच मेरे बॉस को कंपनी के एक प्रॉजेक्ट के लिए 2महीने तक दिल्ली जाने का मौका मिला। वो अपनी पत्नी के साथ दिल्ली जाना चाहता था.पर किसी को अपना अपार्टमेंट किराए पर देने में डर रहा था।इसलिए उसने मुझे अपने अपार्टमेंट का केयर-टेकर बनकर वहाँ रहने को कहा.. तो मैं तुरंत तैयार हो गया।एक महीने बाद मेरे पास एक अच्छा अपार्टमेंट था और अब मैं नाजनीन के साथ वक़्त गुजारना चाहता था। इसलिए मैंने नाजनीन से अगले शनिवार को अपने साथ वक़्त गुजारने के लिए कहा.. तो नाजनीन तुरन्त मान गई।शाम को ड्यूटी से फ्री होने के बाद मैंने कंपनी की कार ले ली और नाजनीन को पिक-अप करके डिनर के लिए ले गया। डिनर के वक़्त वो सिर्फ मुझे देख कर मुस्कुराती रही और मैं उस रात इतना उत्साहित हो रहा था कि मेरा अपने ऊपर काबू नहीं था।तभी मुझे अपनी टाँगों के बीच उसके पैरों का स्पर्श महसूस हुआ.. वो अपने पंजों से मेरे पैर सहला रही थी। एक हाथ से खाते हुए दूसरे हाथ से मेरे हाथों को पकड़े हुई शायद उसकी यही अदाएँ थीं.. जो मुझे उसका दीवाना बनाती जा रही थीं।खैर.. मैंने भी उसको उसी की तरह से रगड़ना शुरू किया और उसका हाथ सहलाते हुए अपने दाएं पैर के अंगूठे से उसके पैरों को ऊपर से नीचे तक सहलाना शुरू किया। फिर नाजनीन ने कहा आज तो पूरी रात हमारे पास है चलो अब डिनर कर लें।मैं भी मान गया। डिनर करने के बाद हम अपार्टमेंट में गए। जैसे ही हम अन्दर घुसे.. नाजनीन ने मुझे पकड़ कर मेरे होंठों को जो चुम्बन किया तो एक बार तो लगा कि ये कुछ ज्यादा ही उतेजक है मैंने भी उसके चुम्बन का जबाब उसी जोश से दिया और ना जाने हम एक-दूसरे को कितनी देर तक चूमते रहे।हम चुमते चुमते ही मुख्य शयनकक्ष में हम दोनों बिस्तर पर बैठ गए और एक-दूसरे को फिर से चुम्बन करने लगे।चुम्बन करते हुए ही नाजनीन ने मेरी शर्ट उतार दी और इसी के साथ मैं उसकी टी शर्ट को उतार कर हटा दिया। मैं उसके ब्रा के ऊपर ही उरोजों को एक-एक करके चूसने लगा और वो मेरी हरकत को देखकर और उत्तेजित हो रही थी। अब मैंने उसकी ब्रा उतारकर अलग दी और उसके उरोजों से होते हुए उसकी गहरी नाभि को चूमने लगा।फिर धीरे धीरे मैंने उसकी जींस को उतारने लगा.और उसके होंठों को चूसते हुए एक हाथ से उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा।अब तक नाजनीन काफी उत्तेजित हो चुकी थी और वह मेरा लंड हाथ में पकड़कर सहलाने लगी.और वह मेरे लंड को बड़े प्यार से चूस रही थी.. वो मेरे लौड़े पर अपनी जीभ को नीचे से ऊपर लाते हुए चाटती और कभी उसे पूरा ही जड़ तक अन्दर ले रही थी.थोड़ी देर बाद मैंने उसे रोक दिया और अब उसे बिस्तर पर लिटा कर उसके बदन के हर हिस्से को चूमा।अब तक नाजनीन पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और में उसकी आँखों में आँखें डालते हुए लंड को चूत से रगड़ने लगा वो लंड का अहसास पाते ही जोर-ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी और उसकी चूत से पानी आना शुरू हो गया फिर मैंने मौका देखकर एक तगड़ा झटका दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया। और अपने लंड को उसकी कमसीन चूत की गहराई में उतारकर धक्के पर धक्के लगाने लगा.वो धीरे-धीरे सिसकारियाँ ले रही थी और थोड़ी देर में यही सिसकारियाँ ‘आहों’ में बदलने लगीं।उसकी ये मदभरी ‘आहें’ मुझे और उत्तेजित कर रही थीं। ‘आहों’ से पूरा कमरा गरम हो गया था और मेरा भी जोश बढ़ता जा रहा था। मेरी चोदने की रफ़्तार बहुत तेज हो गई थी और वह भी लिपटकर मेरा उत्साह दोगुना कर रही थी। करीब 15 से 20 मिनट की चुदाई के बाद अचानक वह ज़ोर-ज़ोर से अपने चूतड़ों को मटकाते हुए झड़ गई।अब मैंने अपनी रफ्तार और तेज कर दी और कुछ देर बाद ही मेरे लण्ड ने फुंफ़कार मारते हुए उसकी चूत मे वीर्य की पिचकारी मार दी। जैसे ही मेरे लण्ड ने अपनी पिचकारी मारनी शुरू किया उसकी चूत में एक खिंचाव सा महसूस हुआ और मैं झड़ते चला गया।करीब 10-12 मिनट की मस्त चुदाई के बाद हम दोनों झड़ चुके थे। फिर चुदाई के बाद हम दोनों बिस्तर पर पड़े एक-दूसरे की आँखों में आँखें डाले वक़्त बिता रहे थे।
No comments:
Post a Comment